Britishers के कुछ देन, जो आज भी हम इस्तेमाल करते हैं
दोस्तों जैसा कि हम जानते हैं अंग्रेजों ने भारत में 200 वर्षों तक शासन किया था, इस दौरान अंग्रेजों ने यहां कई कार्य किए थे। दरअसल अंग्रेजों का मकसद केवल व्यापार करना था मगर यहां की असीम धन दौलत को देखकर अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपने पैर मजबूत कर लिए थे। जब अंग्रेज भारत में आए थे, उस जमाने में भारत सोने की चिड़िया कहलाता था; यानी कि भारत में सोने, चांदी और हीरे जवारों की भरमार थी। इस अपार धन दौलत को देखकर अंग्रेजों का मन डगमगा गया। उन्होंने कैसे भी करके यहां पर शासन स्थापित कर लिया। अंग्रेजों ने भारत से अपार धन दौलत लूटकर Britain भिजवा दी थी, अंग्रेजों ने भारत को खूब लूटा। दोस्तों गौर करने की बात यह है कि अंग्रेजों ने यहां अपनी सुविधा के लिए कई ऐतिहासिक कार्य भी कर दिए, क्योंकि वह जानते थे कि अब उन्हें भारत से कोई नहीं निकाल पाएगा। मगर समय का क्या एक दिन अंग्रेजों को भारत छोड़कर निकलना पड़ गया। मगर उनकी बनाई गई चीजों का उपयोग हम आज भी कर रहे हैं। अंग्रेजों ने जाते-जाते भारत के 2 टुकड़े भी कर दिए। उन्होंने भारत को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मगर जाने-अनजाने में उन्होंने कुछ ऐसे काम कर दिए जो भारत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आइए इस Article में जान लेते हैं कि अंग्रेजों ने वह कौन से काम किया जो आज भारत के लिए वरदान बन रहे हैं? साथ ही जानेंगे कि अंग्रेजों ने ऐसे बड़े कार्य भारत के लिए क्यों किए थे?
दोस्तों यह तो हम सब जानते हैं, की अंग्रेजों ने ना सिर्फ भारतीयों का शोषण किया, बल्कि हमारी अछि बहाली आर्थिक स्थिति को तबाह कर दिया। फिर इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता है कि उनके शासनकाल में थोड़ा ही सही पर हमें फायदा जरूर मिला है।
Number-1 Indian Railway (भारतीय रेल्वे) by Britishers
नंबर 1 पर है भारतीय रेलवे। भारतीय Railway आज Asia का सबसे बड़ा network है। जिस पर आज करोड़ों भारतीय सफर करते हैं और इस बात को भी झुटलाया नहीं जा सकता कि Indian Railway भी अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई थी। चाहे इसकी शुरुआत उन्होंने अपनी सहूलियत के लिए की हो लेकिन भारत में पहली रेल 16 अप्रैल 1853 को चली थी। पहली बार में Mumbai से लेकर थाने तक 34 किलोमीटर दूरी की थी। यह सफर चाहे छोटा था मगर एक सफर में Indian Railway की नींव जरूर रखती थी। और आपको यह बात सुनकर हैरानी होगी कि आज भी भारत में एक Railway line ऐसी भी है जिसका मालिकाना हक Britain की एक company के पास है। और इस Railway line के इस्तेमाल करने के लिए भारत सरकार हर साल 1 crore 20 lakhs Britain की इस company को देती है। यह Railway track Maharashtra के Amravati से लेकर Murtijapur के बीच में स्थित है।
Number-2 Indian Army (इंडियन आर्मी) by Britishers
और नंबर 2 पर है Indian Army। भारत में Indian Army की नींव भी अंग्रेजों द्वारा ही रखी गई थी। East India Company के भारत आने से पहले भारत के जितने भी महाराजा थे उनकी अपनी-अपनी सेनाएं होती थी। अब जब British भारत आए तो उन्होंने 1805 में एक सेना तैयार की थी; उसमें Indian और Britishers दोनों सैनिक शामिल थे। उस वक्त इस सेना ने World War 1 और World War 2 में भी हिस्सा लिया था। उस वक्त British Army में शहीद हुए 90 हजार सैनिकों की याद में ही British सरकार दिल्ली में India Gate बनवाया था।
Number-3 Hill Station (हिल्सटटीऑन) by Britishers
नंबर 3 पर है पहाड़ी Hill Statin का विकास। दोस्तों ढकी वादियां और खुला आसमान हर किसी को आकर्षित करता है। हम भारतीयों को ही नहीं बल्कि अंग्रेजों को भी Hill Station से बहुत लगाव था। अंग्रेजों का पहाड़ों से लगाव के कारण ही हमारे पास आज बहुत से Hill Stations है। Britishers को Shimla में अपने देश की झलक दिखाई देती थी, इसलिए अंग्रेजों को यह जगह इतनी पसंद आई कि उन्होंने Shimla को खूबसूरत England की तरह क्षेत्र बनाने का फैसला किया। Shimla अंग्रेजों की summer capital भी हुआ करता था। आसानी से पहुंचने के लिए अंग्रेजों ने जहां Kalka से Shimla तक toy train की शुरुआत की, जो आज भी Shimla में आने जाने वाले सैलानियों की पहली पसंद है। वैसे Shimla इकलौता Hill Station नहीं था जिसको अंग्रेजों ने develop किया Lansdowne भी एक ऐसी ही जगह है जिस जगह पर पहाड़ काटकर समतल किया गया था। इसके अलावा Uttarakhand की राजधानी Dehradun के नजदीक Mussoorie में भी अंग्रेजों ने अपने लिए घर बनाए, जो आज भी British शासन के गवाई दे रहे हैं। उस टाइम Mussoorie तक rail track बिछाने की 2 बार कोशिश की गई पर हर बार पहाड़ गिरने के कारण से उनका काम पूरा नहीं हो सका।
Number-4 Cricket (क्रिकेट) by Britishers
और दोस्तों नंबर 4 पर है सबकी प्रसिद्ध Cricket खेल। दोस्तों Cricket भले ही National Sports ना हो लेकिन जब भारत और पाकिस्तान का match telecast होता है, तो पूरा विश्व उस वक्त रुक जाता है। यहां आपको जान के हैरानी होगी कि Cricket को भी भारत में अंग्रेजों ने ही शुरू किया था और Cricket को तब सिर्फ time pass के लिए खेला जाता था। लेकिन यह भी सच है कि 1752 से पहले India में कोई भी Cricket club नहीं था। पहला Cricket club Kolkata के Eden Garden में Cricket club शुरू हुआ। जिसमें भारतीयों की entry ban थी। इसके 5 साल बाद Mumbai में अपना पहला match करवाया, जिसमें India ने पहली बार bat को अपने हाथ में पकड़ा था।
Number-5 British Architecture (ब्रिटिश आर्किटेक्चर) by Britishers
और नंबर 5 पर है British Architecture। British शासन की बात हो और इसमें British Architecture वास्तुकला की बात ना हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता। अब आप India Gate से संसद भवन, राष्ट्रपति भवन, Gateway of India और Howrah Bridge को ही देख लो। इनको देखने से ही ऐसा लगता है कि अंग्रेज सचमुच काफी talented थे।
Number-6 Indian Law and on Order (इंडियन लॉ और ऑन ऑर्डर) by Britishers
और इसके बाद बारी आती है Indian Law and on order की। कहने को तो भारत 1947 में ही आजाद हो गया था; पर हमारे system में अभी कुछ ऐसे कानून है जो अंग्रेजों के जमाने से ही चल रहे हैं। आपने कभी गौर किया है कि हम हमेशा सिर्फ left side पर ही क्यों चलते हैं? जबकि America समेत दुनिया के 90% देशों में right hand गाड़ी चलाने का ही कानून है। Road के बाएं ओर चलने का नियम भी Britishers की ही देन है। इसके अलावा भारतीय Police जो खाकी uniform पहनती है इसकी शुरुआत भी अंग्रेजों ने ही की थी। इसके अलावा अंग्रेजों ने कहीं कृतियों को मिटाया था, जो भारत के लिए अभिशाप थी। भारत में एक रिवाज “सती प्रथा” का था जिसमें औरत को उसके पति की लाश के साथ जिंदा जला दिया जाता था। यह बात आम थी इस प्रथा को “सती प्रथा” कहते थे। इसके अलावा विधवा औरत को दूसरी शादी करने की भी आजादी नहीं थी। जैसा कि आप जानते हैं कि “सती प्रथा” को खत्म करने का श्रेय भी अंग्रेजों को ही जाता है। अंग्रेजों ने इस प्रथा पर ना केवल ban लगाया बल्कि दूसरी शादी करने के लिए भी औरतों को प्रेरित किया। इसलिए 1856 में Remarriage Act की शुरू किया गया था।
Number-7 Spread of English Language (अंग्रेजी भाषा का प्रसार) by Britishers
नंबर 7 अंग्रेजी भाषा का प्रचार प्रसार। अंग्रेज जब भारत आए थे तो अपने रहन-सहन, अपना पहनावा और अपनी भाषा भी साथ लेकर आए। शुरुआत में तो अंग्रेजों ने भारत के राज्यों से बात करने के लिए यहां के local language भी सीख ली, लेकिन जब East India Company भारत पर राज करने लगे तो उनको एक बात तो समझ आ गई कि अगर भारत पर राज करना है तो उनको अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल भी करना पड़ेगा। इसके बिना वह अपने कानून लोगों पर अच्छी तरह से लागू नहीं कर सकेंगे और इसी बात को ध्यान रखते हुए सन 1835 में company के आदेश पर East India Company की official language Persian से बदलकर English कर दी गई। और भारत में Primary और secondary school भी खोले गए और अच्छे English बोलने वाले को Britishers ने अच्छी नौकरियां देना शुरू कर दिया। जिसके कारण लोगों को लगा कि अगर वह इस भाषा में महारत हासिल कर लेते हैं तो उनकी जिंदगी बदल जाएगी। उस समय महज 1% ही ऐसे लोग थे जिनकी first language English थी आपको आज हैरानी होगी अंग्रेजों के कारण ही आज भारत में काफी लोग अंग्रेजी ही बोलते हैं। पर दोस्तों हम चाहे English में कितना भी Expert क्यों ना हो जाए पर फिर भी हमें कभी भी अपनी मातृभाषा बोलने में शर्म नहीं आनी चाहिए। क्यूंकी आपकी पहचान मातृभाषा ही होनी चाहिए; चाहे वह हिंदी, बंगाली, पंजाबी, तमिल कोई भी हो।
दोस्तों अगर देखा जाए तो अंग्रेजों ने हम पर 200 साल तक राज किया और इतने लंबे समय तक जितना अंग्रेजों ने भारत को नुकसान पहुंचाया, उस मुकाबले में यह काम कुछ भी नहीं है। वैसे भी अंग्रेजों ने यह काम सिर्फ अपने फायदे के लिए ही की है, क्योंकि उस वक्त उनको नहीं पता था कि एक बार उन्हें भारत को छोड़कर जाना पड़ेगा। Britishers ने सभी सुविधाएं भारत में ही बना ली थी। उन्होंने $45 trillion उस जमाने में भारत से लौटकर Britain भेजे थे। कई जहाज आज भी समुद्र की गहराई में दबे पड़े हैं क्योंकि कि वह किसी कारणवश पानी में समा गए थे। चाहे जो कुछ भी हो आज भी भारत के पास अपार धन संपत्ति है और Britishers ने जो कार्य किया उनका आज हम पूरा फायदा ले रहे हैं। आज का Article कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताइए और आज केलिए इतना ही। मिलते है आगले Article में, तब तक के लिए bye bye and thank you for reading।