Bangladesh में हिंदु युवाओं का रखवाली
पूरे दिन Bangladesh के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन होते हैं, बैठकें होती हैं अलग-अलग नीतियां अपनाई जाती हैं। और असमंजस की स्थिति में आपने सोचा है कि आखिर Bangladesh में रात में क्या होता है? मैं आधी रात को Bangladesh में Dhaka के अलग-अलग इलाकों की सड़कों पर निकला हूं यह देखने के लिए कि 5 August के बाद Bangladesh की स्थिति कैसे बदल गई है? दिन में हो हंगामा धरना प्रदर्शन तो रात में क्या Bangladesh सो रहा है?
देर रात होते ही Dhaka की सड़कों पर आपको school college university जाने वाले छात्र मिल जाएंगे सड़कों पर। कईयों के पास radium के इस तरह के jacket हैं और वो सड़क पर दरअसल पहरा दे रहे हैं। traffic की व्यवस्था भी देख रहे हैं और साथ-साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई अनजान गाड़ी उन इलाकों में ना जाने पाए जहां लोग रहते हैं। यानी रिहायशी इलाकों में, उस तरफ जाने वाली हर गाड़ियों की तलाशी होती है। ताकि कोई संदिग्ध किसी संदेहास्पद चीजों को लेकर के अर ना जा सके। हालात पहले से ही तनावपूर्ण है।
5 August के बाद Bangladesh
5 August के बाद Bangladesh की तस्वीर बदली है और बदलाव यह हुआ है कि अब सड़कों पर ज्यादातर जो मोर्चा है वह स्थानीय लोगों ने संभाला है। Dhaka के जिस कोने में जहां पर शहर के यहां हिंदू आबादी रहती है। और यहाँ जो लोग हैं एक तरह के self defence force तैयार हो गई है जो अपने इलाके में अपने क्षेत्र की हिफाजत करते हैं। उसकी रक्षा करते हैं अपने मंदिरों के बाहर अपने आसपास रहने वाले लोगों पे हर बाहर से आने जाने वाले अनजान से पूछताछ होती है। यह जानना जरूरी होता है कि उसके आने का मकसद क्या है। और कोशिश इसलिए है देर रात से लेकर सुबह तक जागने के पीछे मकसद यह है कि कहीं इस तनाव का फायदा उठा कर के कोई असामाजिक या शरारती तत्व किसी बड़ी घटना को अंजाम ना दे जाए। वैसा कि Bangladesh के दूसरे इलाकों में 5 और 6 August की रात को हुआ है Bangladesh की स्थिति में बहुत कुछ बदल गया है। और Dhaka के जब आप रिहायशी इलाकों में जाते हैं तब आपको ऐसी तस्वीर दिखाई पड़ती है की जो भी गाड़ियां आती हैं यह तमाम सारे जो self defence force बन गई है, volunteers की हाथों में डंडे हैं और लाठियां लेकर के अलग-अलग इलाकों में रखवाली कर रहे हैं। और हर तरफ की गाड़ी को रोकते, अगर कोई गाड़ी आ रही है तो उसको पूछते हैं उसके बारे में पूछते हैं और तलाशी भी लेते हैं। check करते हैं कि वह कौन लोग हैं किस तरह के elements हैं, किस तरह की चीजें ले जा रहे है? काही कुछ weapon तो नहीं ले जा रहे जिससे हिंसा बढ़ सकती है। मन में जो डर है और क्योंकि कानून व्यवस्था की जो machinery है वह सड़क पर नहीं है। इसी के चलते अपनी हिफाजत का जिम्मा इन लोगों ने खुद उठा लिया है। यह Bangladesh की तस्वीर है।
2 Comments on “HINDUS IN BANGLADESH AFTER 5TH AUGUST 2024”